कांग्रेस कि इस नादानी पर बड़ी हंसी छूटती है ...अगर इस तुक्के में कोई जान होती तो बिहार में कांग्रेस को जरूर कुछ फल मिला होता ....फिर भी बेचारे दिग्विजय सिंह लगे हुए हैं दिन -रात बस एक ही काम पर...दिग्गी राजा के सहायक के तौर पर उन्हें बीच-बीच में राहुल गाँधी और चिदम्बरम भी मदद करते रहते हैं लेकिन फिर भी मुस्लमान अपनी जगह से टस से मस नहीं हो रहा है ...बल्कि और बेडा गर्क होता जा रहा है बिहार में तो लगभग यह पार्टी ख़तम ही हो गई लगती है . .....
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों के स्वाभाविक दावेदार मुलायम सिंह हैं तो बचे -खुचे वोटों पर बसपा हाथ मार देती रही है . इसको एक संयोग ही कहा जायेगा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उत्त्तर प्रदेश से जो २० सीटें कांग्रेस को मिल गयी थीं वह मुलायम सिंह के आत्मघाती फैसले कि वजह से और मायावती कि मनमानी और अहंकारी तरीके से टिकट बंटवारे कि वजह से...लेकिन अब ये दोनों नेता शायद ही वैसी गलती दुबारा करें . कांग्रेसी इस बात से भी बहुत चिंतित हैं कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों पर ठीक उसी तरह हक जताने वाली पीस पार्टी का उदय हो रहा है जैसे कभी बसपा ने दलितों से कहा था कि अब तुम्हें किसी और पार्टी को वोट देने कि जरूरत नहीं पड़ेगी अब तुम्हारी अपनी पार्टी बन गई है ...
बसपा के संस्थापक कांशीराम १९८५ से लेकर आखिरी साँस तक यही बोलते रहे और बसपा को इसका बहुत बड़ा फायदा मिला..उत्त्तर प्रदेश के कुछ उपचुनाव में पीस पार्टी ने जिस तरह कांग्रेस को पाचवीं पोजीसन में पहुंचा दिया और खुद दुसरे नंबर पर आ रही है उसे देखते हुए तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में पीस पार्टी सपा,बसपा किसी से भी सौदेबाज़ी कर सकती है ..हमारा ऐसा ख्याल है कि मुसलमानों को भाजपा का भय दिखाकर अब कोई पार्टी उसका वोट नहीं ले सकती लेकिन कांग्रेस के पास कोई चारा नहीं है इसलिए वह सोचती है बोलते रहो भाजपा और आर एस एस के खिलाफ हो सकता है कि लह ही जाय .
यह बात भी बहुत दिलचस्प है कि विकीलीक्स के जरिये भारत के हिन्दू संगठनों के बारे में राहुल गाँधी का जो विचार प्रचारित किया जा रहा है कि उनहोंने अमेरिकी राजदूत से कहा कि ये लस्करे तोइबा से भी ज्यादा खतरनाक है .कांग्रेस ने सोचा था कि इसपर भी बखेड़ा खड़ा हो जायेगा और मुस्लमान कांग्रेस को अपना आका मन लेगा ..लेकिन पूरे देश में ऐसा कहीं कुछ नहीं दिखा ...बहुत से लोग तो विकीलीक्स को लीक करने के पीछे अमेरिका का ही हाथ मन रहे हैं और यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि इसमें भारत कि कांग्रेस पार्टी भी शामिल है...जो भी हो आज-कल देश कि सारी ही जनता क्या मुस्लिम क्या हिन्दू -सिख-इसाई कोई भी कांग्रेस कि बात को सुन ही नहीं रही है बल्कि वह देखने में विश्वास करने के सिधांत पर चल पड़ी है ...
मुसलमानों में एक सुब्गुबाहट जरूर है वह भी इस बात को लेकर कि कांग्रेस खुद आज जब पावर में है तो फिर रंगनाथ मिश्र आयोग कि सिफारिशों पर अमल करते हुए मुसलमानों को १० % आरक्षण केनव नहीं दे देती और सच्चर कमिटी कि सिफारिसों को ईमानदारी से केंव नहीं लागू करती.? ज्ञात रहे कि सच्चर कमिटी और मिश्र आयोग ने मुसलमानों के बारे में यहाँ तक कह दिया है कि इनकी हालत दलितों से भी बदतर है चाहे शिक्षा कि बात हो या आर्थिक पहलू हो ...इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी अगर दायें .बाएं देख रही है और अभी तक कोई सकारात्मक कदम मुसलमानों कि तरक्की के लिए नहीं उठाया है तो इसलिए कि कहीं उससे हिन्दू नाराज न हो जाएँ ...और मुस्लिम सबल न हो जाएँ...बड़ा कोफ़्त होता है यह देखकर कि वोट कि राजनीति के लिए राजनीतिक पार्टियाँ कितना नीचे गिर सकती हैं कमाल है ..
-असरार खान -
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